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1. बकबक तोता | Short Moral Stories In Hindi PDF | बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी pdf
एक जंगल में बहुत ढेर सारे पशु पक्षी रहते थे। उसी जंगल में एक कोयल, एक चिड़िया, एक कौवा और बकबक नाम का तोता रहता था। बकबक तोता बहुत ही बातूनी था।
छोटी व सामान्य बातों को बड़ा चढ़ाकर बोलने की उसकी आदत थी। वह अपनी आदत से बहुत मजबूर था। वह सभी पक्षियों से अपना गुणगान हमेशा करता रहता था। ठीक इसी तरह उसके साथ एक घटना घटती है जो कुछ इस प्रकार है।
एक दिन एक चिड़िया पेड़ पर बैठी थी और बकबक तोता उसके पास जाकर बैठ गया। और बोला कि मैं अभी अभी बहुत ही बढ़िया दावत खाकर आ रहा हूं। तो चिड़िया ने पूछा तुमने क्या क्या खाया वहां?
तो उसने बताया कि मैंने मिठाई खाई, फल खाए और साथ ही साथ अच्छे-अच्छे पकवान भी खाया। बकबक की बातें सुनकर उस चिड़िया का मन अब पिघलने लगा। उसने सोचा काश! वह भी खा पाती।
उसी समय काला कौवा आकर बैठ जाता है। और बोलने लगता है कि बकबक तुम झूठ मत बोलो। मैंने तुमको सुबह ही देखा था कि तुम का सुखी लाल मिर्च खा रहे थे। तभी बकबक कहता है कि मुझे तुम जैसों से बात करने की आदत नहीं। और ऐसा कह कर वो वहां से उड़ जाता है।
तभी कौवा चिड़िया से बोलता है कि तुम उसकी बातों पर ध्यान मत दो। और बताता है कि वह सभी से बातों को बढ़ा चढ़ाकर बोलता है। चिड़िया कहती है अच्छा मैं समझ गई।
फिर वह उड़कर गाय के पास पहुँच जाता है। और उससे बोलने लगता है कि वह शाही दरबार से आया हुआ है। और फिर वहां से उड़कर हाथी के पास जाता है और कहता है कि उसके पास बहुत ढेर सारे आभूषण एवं जेवरात जमा है। वह जंगल का सबसे अमीर पक्षी है।
फिर वह कोयल के पास जाता है और उसे कहने लगता है कि शेर मुझे अपना प्रधानमंत्री बनाना चाहता था। लेकिन मैंने मना कर दिया था। इसी तरह सभी पक्षी एवं जानवर के पास जाकर अपनी झूठी बातों का रायता फैलाया करता।
अब वह एक सबसे सुंदर पक्षी के पास जाता है उसे बोलता है कि क्या तुम्हें पता है? मुझे सुंदरता में प्राइस मिल चुका है। इधर बकबक अपनी झूठी बातों का प्रशंसा करता रहता है। और उधर एक पेड़ पर जिस पर कौवा कोयल बैठे रहते हैं।
वहां एक सुंदर सा पक्षी आता है। पूछने पर पता चलता है कि वह कबूतर होता है। कोयल पूछती है कि आप बहुत सुंदर है। कहां से आए हैं? तभी वहां बकबक तोता पहुंच जाता है। और अपना गुड़गान शुरू कर देता है।
कबूतर कुछ बोलना चाहता है लेकिन बकबक अपनी बातों के आगे उसकी बातों को सुनता नहीं है। तभी वहां कुछ देर बाद शेर राजा आ जाता है। और कहने लगता है कि चली आओ उसके पास तो सब कुछ है उसे कुछ नहीं चाहिए।
तभी कबूतर कहता है कि तुमने अपने आगे मेरी बात नहीं सुनी असल में मैं तुम्हें बुलाने आई थी। तुम्हारा बुलावा शाही दरबार से आया था। तुम्हें वहां रहने के लिए पूरा इंतजाम किया गया था। परंतु तुमने अपने बकबक के आगे किसी की ना सुनी।
और तुमने अच्छा खासा मौका गवा दिया तभी वह जाने लगा कि नहीं मैं तो गरीब हूं मेरे पास कुछ नहीं है लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। और सभी पक्षी उस पर हंसने लगे थे। और वो भी उदास होकर उड़ गया था।
कहानी से शिक्षा - हमें इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि हमें हमेशा दूसरों की बातों को सुनना चाहिए और तभी बोलना चाहिए कभी-कभी हमें ज्यादा बोलने से क्षति की प्राप्ति होती है।
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2. लालची कुत्ता | Short Moral Stories In Hindi PDF | बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी pdf
टॉमी और ज़ेवियर नाम के दो कुत्ते थे। दोनो सगे भाई थे। और उन दोनों की कभी आपस में बनती नहीं थी। दोनों अपने मालिक के बहुत वफादार कुत्ते थे। उनका मालिक उनसे बहुत प्यार करता था लेकिन इनमें से एक यानी टॉमी की बुरी आदत थी वह लालची था।
अगर उसे कोई कुछ खाने को देता तो वह अपने मालिक की बातों को भी नहीं सुनता था। इस बात को लेकर जेवियर काफी चिंतित था उसने अपने शब्दों में उससे कई बार समझाया कि ऐसा नहीं करते मालिक की बातों को ना सोए ना हमारे लिए घातक साबित हो सकता है।
लेकिन टॉमी को जी भर की बातों का कोई फर्क नहीं पड़ा वह हमेशा उसकी बातों को सदैव अनसुनी कर देता था। जैसा जेवियर को डर था वैसा ही हुआ।
एक दिन एक अनजान आदमी आया और दोनों के तरफ कुछ खाने की सामग्री दिखाने लगा टॉमी अपनी आदत से मजबूर था। तुरंत उसके पास पूछ हिलाते हुए पहुंच गया हालांकि जेवियर ने उसे काफी मना किया लेकिन वह नहीं सुना।
टॉमी उस अनजान आदमी पास पहुंचता है और वह आदमी उसे खाने को दे देता है तो मैं उसे खाएं लगता है और वह आदमी वहां से चला जाता है कुछ देर बाद टॉमी अचानक से आवाज करने लगता है और वह बेहोश हो जाता है।
फिर वह आदमी वापस आता है और उसे बोरे में भरकर ले जाने लगता है जेबी अरे सब देख रहा था वह तुरंत दौड़कर अपने मालिक के पास जाता है और उससे काफी मशक्कत के बाद वहां पर ले कर आता है। लेकिन जब तक वह वहां पहुंचता काफी देर हो चुकी होती है वह आदमी टॉमी को लेकर वहां से निकल गया था।
उसका मालिक समझ चुका था की किस घटना के बारे में ज़ेवियर उसे समझाना चाह रहा है। लेकिन जेवियर और उसका मालिक दोनो काफी मस्कत के बाद टॉमी को ढूंढ निकाला और बचा लिया।
टॉमी को जब होश आया तो वह अपने आप को मालिक के घर मे अपने बिस्तर पर पाया। और ज़ेवियर ने उसे सब बताया लेकिन इस बार वह ज़ेवियर की बात को अनुसनी नही की। और अब वह दोनो की बातों को सुनने और समझने लगा।
कहानी से सीख - कभी कभी दुसरो की बातों पर गौर फरमाना और सुनना काफी फायदेमंद साबित होता है। और जब अपने आपकी चिंता करते हो और आपको कोई सलाह दे तो जरूर सुनना चाहिए।
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3. प्यासा मेमना | Short Moral Stories In Hindi PDF | बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी pdf
गर्मी का मौसम था। मेमनों का झुंड मैदान में सुखी एवम हरी घास खा रहे थे। सभी झुंड में एक साथ थे। और उनका मालिक दूर बैठ कर आराम कर रहा था।
उन्ही में से एक मेमना घास चरते चरते प्यासा हो गया। तब उसने पास के सूखे पड़े तालाब की ओर रुख कर दिया। मालिक छाव में बैठा सो गया।
उस तालाब के पास इस समय शिकार के लिए कुछ जानवर हो सकते है। इस बात से अनजान प्यास मेमना उस तालाब की ओर चला जाता। उसको जाते अन्य उसके साथी जोर जोर से चिल्लाने लगते।
लेकिन वह प्यासा था और उसको प्यास के आगे अपने मित्रों के संकेत का जरा भी ध्यान नही आया। कुछ मेमने मालिक के पास जाकर चिल्लाने लगे। और कुछ समय बाद मालिक की नीद खुली।
जब तक इधर उसकी नींद खुलती प्यासा मेमना तालाब के किनारे एक छोटे से गड्ढे में जमे पानी की ओर बढ़ रहा था। सभी जानवरो को चीखते देख मालिक को कुछ सन्देह हुआ।
और वह इधर उधर देखने लगा। फिर उसने आननफानन में अपने जानवरो की गिनती करने लगा। और अंत मे जब उसने गिनती खत्म की तो उसने पाया कि उसके झुंड से एक मेमना गयाब है।
उसे घटना का आभास हो चुका था। और जनवरो के चिल्लाने का भी। अब वह इधर उधर तलाश कर लगा । उधर शिकार के लिए जंगली भेड़िया बैठा था। वह बस मौके के तालाश ने था। जैसे ही उसको सही मौका मिला उसने मेमने को पकड़ने के लिए दौड़ा।
मेमना बड़े धीरज से पानी पी रहा था। और उसे आभास हुआ कि कोई उसके तरफ तेजी से आ रहा है। उसने तुरन्त तेजी से देखा और चिल्ला कर झुंड की तरफ दौड़ने लगा। मेमने के साथियों को पता था तो वो भी उसके तरफ दौड़ने लगे।
यह देख और मेमने की आवाज सुनकर वह सब समझ चुका था। अब वह उनसे तेज दौड़ कर अपने हतियार से भेड़िया को मारने दौड़ा। जैसे वह नजदीक पहुँचा तो उसने देखा कि मेमने के ठीक पीछे वह दौड़ रहा था।
उसने अपने हतियार से पीछे से प्रहार किया और भेड़िया मालिक को देख कर वहां से भाग पड़ा। मेमने तुरन्त अपने मालिक के पास आया और चिल्लाने लगा। एक तरह से वह धन्यवाद कर रहा रहा था।
उसके मालिक और मेमने के साथियों के वजह से आज वो बच गया नही तो प्यास की वजह से जान जाती या नही लेकिन भेड़िया उसे अवश्य कहा लेता।
कहानी से शिक्षा - हमे सदैव अपने कार्य की सूचना किसी न किसी विश्वास पात्र के साथ साझा अवश्य करना चाहिए। बहुत ही गोपनीय होने पर भी हमे उसे गोपनीय रखना चाहिए।
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